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हिरासत के दौरान आरोपी द्वारा अपना मोबाइल फोन न दिखाना 'असहयोग' नहीं Andhra Pradesh High-court

  आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि हिरासत में रहने के दौरान आरोपी द्वारा पुलिस को अपना मोबाइल फोन न दिखाना 'असहयोग' नहीं माना जा सकता, क्योंकि आरोपी को संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत संरक्षण प्राप्त है। जस्टिस डॉ. वी.आर.के. कृपा सागर की एकल पीठ पूर्व सांसद एन. सुरेश बाबू और व्यवसायी अवुतु श्रीनिवास रेड्डी (याचिकाकर्ता) की जमानत याचिकाओं पर विचार कर रही थी। अभियोजन पक्ष का कहना है कि याचिकाकर्ताओं ने YSRCP पार्टी के 70 अन्य लोगों के साथ जबरन TDP के राज्य कार्यालय में प्रवेश किया और TDP समर्थकों और कर्मचारियों पर हमला किया। राज्य द्वारा जमानत याचिका का विरोध करने के लिए दिए गए कारणों में से एक यह था कि बाबू पुलिस को अपना मोबाइल फोन उपलब्ध कराने में विफल रहे। इसने तर्क दिया कि मामले की आगे की जांच के लिए मोबाइल फोन महत्वपूर्ण है। न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के संकेत भद्रेश मोदी बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (2024 लाइव लॉ (दिल्ली) 5) के मामले का हवाला दिया, जहां यह देखा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत गारंटीकृत सुरक्षा के मद्देनजर, जांच के दौरान जब्त किए गए डिजिटल डिव...